Google Employees Demand 5 Things From Sundar Pichai Amid Layoff Freeze Hiring Respect For Leaves And More | गूगल के कर्मचारियों ने सुंदर पिचाई को भेज दी अपनी 5 डिमांड, कहा


Google Layoffs : Google ने अभी हाल ही में 12,000 से अधिक कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया है. गूगल में काम करने वाले कर्मचारी कंपनी की छंटनी प्रक्रिया से खुश नहीं हैं. छंटनी में निकाले गए कर्मचारियों ने पहले अपनी निराशा जाहिर की और अब सीईओ सुंदर पिचाई को एक ओपन लेटर भेजा है, जिसमें कंपनी से उनकी पांच मांगों को पूरा करने के लिए कहा गया है. एक समय था, जब गूगल अच्छा वर्क कल्चर और कर्मचारियों की देखभाल के लिए जाना जाता था. हालांकि, अब एम्प्लॉय का सम्मान न करने के लिए खबरों में छा रहा है. आइए जानते हैं कि कर्मचारियों ने ओपन लेटर में क्या लिखा है.

सुंदर पिचाई से वर्कर्स की पांच मांग

सुंदर, वर्कफोर्स को कम करने के अल्फाबेट के फैसले के प्रभाव वैश्विक हैं. कहीं भी वर्कर्स के लिए विचार नहीं किया गया है, और हम जानते हैं कि वर्कर्स के रूप में हम एक साथ काफी स्ट्रॉन्ग हैं. यही वजह है कि हम एक साथ खड़े हैं. हम स्पेशली आपसे निम्नलिखित पब्लिक कमिटमेंट मांग रहे हैं:

  1. छंटनी के प्रोसेस के दौरान सभी नई हायरिंग को रोक दें. अनिवार्य छंटनी से पहले कर्मचारियों को अपनी इच्छा से निकलने और अपनी इच्छा से कार्य समय में कमी के लिए कहें. जरूरी छंटनी से बचने के लिए कर्मचारी ‘स्वैप’ की अनुमति दें.
  2. हाल ही में निकाले किए गए किसी भी अल्फाबेट कर्मचारियों को दोबारा हायर होने के लिए प्राथमिकता दें. इंटरनल ट्रांसफर ऑप्शन को प्राथमिकता दें, दोबारा इंटरव्यू की आवश्यकता के बिना नौकरियों तक पहुंच को प्राथमिकता दें और उचित पैकेज के लिए सहमत हों.
  3. एक्टिव संघर्ष या मानवीय संकट वाले देशों (जैसे यूक्रेन, रूस, आदि) से हमारे सहकर्मियों की रक्षा करें. ऐसे समय में रोज़गार खत्म न करें जब यह वीजा पर सीधा प्रभाव डालेगा. इसे कर्मचारियों को असुरक्षित या अस्थिर देशों में वापस जाना पड़ सकता है. इन वर्कर्स को अतिरिक्त सहायता प्रदान करें जैसे कि नौकरी की खोज में सहायता करें.
  4. शेड्यूल अवकाश (मेटरनिटी, शिशु बॉन्डिंग, देखभालकर्ता और शोक) का सम्मान करें और अवकाश समाप्त होने तक नोटिस न दें. नोटिस दिए गए कर्मचारियों को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाए और उन्हें अपने सहकर्मियों को अलविदा कहने का अवसर दिया जाए.
  5. सुनिश्चित करें कि लिंग, जेंडर पहचान, जेंडर अभिव्यक्ति, आयु, यौन अभिविन्यास, नस्लीय या जातीय पहचान, जाति, वेटरन स्थिति, धर्म और डिसएबिलिटी के आधार पर कोई भेदभाव न किया जाए.

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