<p>कहते हैं हिंदुस्तान मे हीरो तब तक कोई नहीं बन सकता जब तक वो गुंडों को ना पीट ले ,भाई आप रोमांस कर लीजिये, फैमिली ड्रामा कर लीजिये लेकिन जब तक दर्शक आपको 10 – 20 गुंडों को लात घूंसे मारते नहीं देख लेते ना वो ये मानते ही नहीं है की आप एक हीरो हैं और Kartik Aaryan ये बात शायद समझ चुके हैं की भाई अब बहुत चॉकलेटी बॉय वाले रोल्स कर लिए हैं बहुत रोमांस कर लिया है । प्यार का पंचनामा भी कर लिया है ,अब बारी है जरा कुछ एक्शन करने की और यही किया है कार्तिक आर्यन ने फिल्म Shehzada में. तो कैसी है ये फिल्म यही बताएंगे इस रिव्यु में।</p>
Source link
